Description
सामग्री : मुनक्का, हरड, इन्द्रयव, परवल का पत्ता, खस, आंवला, यव, रक्तचन्दन, त्रायमाणा, पद्मकाठ, चिरायता तथा धनिया।
फायदे : अम्लपित्त को शान्त करता है। यह सभी अवस्थाओं में अमृत के समान लाभदायक है।
उपयोग की विधि :यह घृत भोजन के साथ उचित मात्रा (5 से 10 ग्राम) में सेवन करे।
संदर्भ : योगरत्नाकर



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